एम.एच.डी.-02 : आधुनिक हिंदी काव्य
सत्रीय कार्य 2024-25
पाठ्यक्रम कोड: एम.एच.डी.-02
सत्रीय कार्य कोड : एम.एच.डी.-02/टी.एम.ए./2024-25
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सभी प्रश्नों के उत्तर दें।
1.- भारतेंदु की कविता में राष्ट्रीयता की भावना कूट-कूट कर भरी हुई है। सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।
भारतेंदु हरिश्चंद्र को आधुनिक हिंदी साहित्य का जनक कहा जाता है। उनके साहित्य में राष्ट्रीयता की भावना अत्यंत प्रबल और स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। उन्होंने अपने समय की सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक परिस्थितियों का गहन निरीक्षण किया और उसे अपनी कविताओं, नाटकों और निबंधों के माध्यम से व्यक्त किया। विशेष रूप से, उनकी कविताओं में देशभक्ति की भावना इस कदर भरी हुई है कि वह तत्कालीन भारतीय समाज में जागरूकता और स्वाभिमान उत्पन्न करने का कार्य करती है।...............और आगे पढ़ने के लिए। (Click Here)
2.- साकेत लिखने की प्रेरणा गुप्त जी को कहाँ से प्राप्त हुई है? यह काव्य किस श्रेणी का है इसका औचित्य को सिद्ध किजिए।
महाकवि मैथिलीशरण गुप्त हिंदी साहित्य के प्रमुख स्तंभों में से एक हैं, और उनकी प्रसिद्ध रचना "साकेत" हिंदी काव्य जगत की अमूल्य धरोहर है। "साकेत" का काव्यात्मक सौंदर्य, उसकी राष्ट्रीय भावना, और भारतीय संस्कृति के प्रति उसके समर्पण ने इसे एक कालजयी कृति बना दिया है। इस महाकाव्य के रचने की प्रेरणा, उसकी विषयवस्तु, और उसकी श्रेणी का औचित्य सिद्ध करना एक महत्वपूर्ण कार्य है, जिसे हम इस लेख के माध्यम से समझने का प्रयास करेंगे।...............और आगे पढ़ने के लिए। (Click Here)
3.- "निराला राग और विराग के कवि हैं" इस कथन की सार्थकता सिद्ध कीजिए।
सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' हिंदी साहित्य के एक ऐसे कवि हैं, जिनकी रचनाओं में गहन भावनात्मकता, राग, और विराग का अद्वितीय संगम देखने को मिलता है। उनके काव्य में जहाँ एक ओर प्रकृति, सौंदर्य, प्रेम और मानवीय करुणा का राग है, वहीं दूसरी ओर जीवन के यथार्थ, सामाजिक असमानता, और विषाद का विराग भी देखने को मिलता है। "निराला राग और विराग के कवि हैं" यह कथन उनकी कविताओं के इस अद्वितीय संतुलन को रेखांकित करता है।...............और आगे पढ़ने के लिए। (Click Here)
4.- अज्ञेय की काव्य भाषा का वैशिष्ट्य बताइए।
अज्ञेय (सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन) हिंदी साहित्य के प्रमुख कवि, कथाकार, और निबंधकार थे। उनकी काव्य भाषा का वैशिष्ट्य हिंदी साहित्य में एक नई दिशा का संकेत करता है। अज्ञेय ने अपनी रचनाओं में भाषा के प्रति एक गहरी समझ, नवीनता, और प्रयोगशीलता का परिचय दिया। उनकी भाषा में परंपरागतता और आधुनिकता का एक अनूठा संगम देखने को मिलता है। इस निबंध में हम अज्ञेय की काव्य भाषा के प्रमुख विशेषताओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे।...............और आगे पढ़ने के लिए। (Click Here)