लोकसभा ने 22 सितम्बर 2020 को जम्मू-कश्मीर आधिकारिक भाषा विधेयक-2020 को मंजूरी दे दी है. इसमें पांच भाषाओं हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, कश्मीरी और डोगरी को केंद्र शासित प्रदेश की आधिकारिक भाषा का दर्जा देने का प्रावधान है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस विधेयक के पारित होने पर खुशी व्यक्त की है.
गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से कश्मीरी, डोंगरी, उर्दू, हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं को जम्मू-कश्मीर की आधिकारिक भाषा के तौर पर घोषित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग कश्मीरी, डोगरी और हिंदी को बड़ी संख्या में बोलते हैं और समझते हैं.
मुख्य बिंदु
• गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि साल 2011 की जनगणना के अनुसार देश में जितने लोग कश्मीरी बोलने वाले हैं, उनमें से 53.26 प्रतिशत जम्मू कश्मीर में हैं.
• लोकसभा ने ध्वनिमत से जम्मू-कश्मीर आधिकारिक भाषा विधेयक-2020 को मंजूरी प्रदान कर दी. गृह राज्य मंत्री ने कहा कि 70 साल से उर्दू जम्मू कश्मीर की आधिकारिक भाषा है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में उर्दू भाषा बोलने वाले 0.16 प्रतिशत ही हैं.
• गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि उर्दू और अंग्रेजी दोनों को आधिकारिक भाषा के तौर पर जारी रखा जाएगा. डोगरी वहां दूसरे सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है.
• इस विधेयक में उपराज्यपाल को गोजरी, पहाड़ी तथा पंजाबी भाषा के विकास एवं उसे सशक्त बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाने का अधिकार दिया गया है.