संसद ने 21 सितम्बर 2020 को महामारी रोग (संशोधन) विधेयक को मंजूरी प्रदान कर दी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने संसद में विधेयक पेश किया. इस दौरान उच्च सदन में बोलते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि स्वास्थ्य पेशेवरों के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए बिल की आवश्यकता थी.
लोकसभा में इस विधेयक पर हुई चर्चा के दौरान जवाब देते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि पिछले 3-4 वर्षों से हमारी सरकार लगातार महामारी जैसे विषयों से निपटने के बारे में समग्र और समावेशी पहल अपना रही है. राज्यसभा ने बिल को 19 सितंबर 2020 को पारित किया था.
लोकसभा ने महामारी रोग (संशोधन) विधेयक, 2020 को 21 सितम्बर 2020 को ध्वनिमत से पारित किया. इस बिल को राज्यसभा पहले ही पारित कर चुकी है. यह विधेयक सरकार द्वारा अप्रैल में जारी अध्यादेश का स्थान लेगा.
लोकसभा ने महामारी रोग (संशोधन) विधेयक, 2020 को 21 सितम्बर 2020 को ध्वनिमत से पारित किया. इस बिल को राज्यसभा पहले ही पारित कर चुकी है. यह विधेयक सरकार द्वारा अप्रैल में जारी अध्यादेश का स्थान लेगा.
बिल में सजा का प्रावधान
इस बिल में कोरोना वायरस या वर्तमान महामारी जैसी किसी स्थिति से लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मियों पर हमले करने वालों के लिए अधिकतम सात साल की सजा का प्रावधान किया गया है. इस दिशा में सरकार राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिनियम बनाने पर काम कर रही है.
इस बिल के तहत स्वास्थ्य कर्मियों के जीवन को नुकसान, चोट, क्षति या खतरा पहुंचाने कर्तव्यों का पालन करने में बाधा उत्पन्न करने और स्वास्थ्य सेवा कर्मी की संपत्ति या दस्तावेजों को नुकसान या क्षति पहुंचाने पर जुर्माने और दंड का प्रावधान किया गया है. इसके तहत अधिकतम पांच लाख रूपये तक जुर्माना और अधिकतम सात साल तक सजा का प्रावधान किया गया है.
इस बिल में कोरोना वायरस या वर्तमान महामारी जैसी किसी स्थिति से लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मियों पर हमले करने वालों के लिए अधिकतम सात साल की सजा का प्रावधान किया गया है. इस दिशा में सरकार राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिनियम बनाने पर काम कर रही है.
इस बिल के तहत स्वास्थ्य कर्मियों के जीवन को नुकसान, चोट, क्षति या खतरा पहुंचाने कर्तव्यों का पालन करने में बाधा उत्पन्न करने और स्वास्थ्य सेवा कर्मी की संपत्ति या दस्तावेजों को नुकसान या क्षति पहुंचाने पर जुर्माने और दंड का प्रावधान किया गया है. इसके तहत अधिकतम पांच लाख रूपये तक जुर्माना और अधिकतम सात साल तक सजा का प्रावधान किया गया है.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने क्या कहा?
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा कि प्रस्तावित राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिनियम बनाने की प्रक्रिया जारी है. उन्होंने वायरस पर शोध के संबंध में जीनोम श्रृंखला तैयार करने सहित कई अन्य कार्यो का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि पिछले 9 महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्यों के साथ मिलकर कोविड के खिलाफ अभियान चलाया.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा कि प्रस्तावित राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिनियम बनाने की प्रक्रिया जारी है. उन्होंने वायरस पर शोध के संबंध में जीनोम श्रृंखला तैयार करने सहित कई अन्य कार्यो का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि पिछले 9 महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्यों के साथ मिलकर कोविड के खिलाफ अभियान चलाया.
पृष्ठभूमि
उल्लेखनीय है कि इस विधेयक के माध्यम से महामारी रोग अधिनियम 1897 में संशोधन किया गया है. इसमें महामारियों से जूझने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को संरक्षण प्रदान करने का प्रस्ताव किया गया है. साथ ही, विधेयक में बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए केंद्र सरकार की शक्तियों में विस्तार करने का भी प्रावधान है.
उल्लेखनीय है कि इस विधेयक के माध्यम से महामारी रोग अधिनियम 1897 में संशोधन किया गया है. इसमें महामारियों से जूझने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को संरक्षण प्रदान करने का प्रस्ताव किया गया है. साथ ही, विधेयक में बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए केंद्र सरकार की शक्तियों में विस्तार करने का भी प्रावधान है.