"वह चीफ़ के कमरे से निकलकर अपने काम ......... तो बदली रूक सकती है।" - संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए:

निम्नलिखित की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए: 


वह चीफ़ के कमरे से निकलकर अपने काम पर लौटा तो मिस्त्री पास बिठाकर समझाने लगा, "इस दुनिया में सबसे मेल-जोल रखकर चलना पड़ता है। नदी किनारे घास पानी के साथ थोड़ा झुक लेती है और फिर उठ खड़ी होती है, लेकिन बड़े-बड़े पेड़ धार के सामने अड़ते हैं और टूट जाते हैं। साहब ने तुम्हारी बदली कास्टिक टैंक पर कर दी है। बड़ा सख्त काम है, अब भी साहब को खुश कर सका तो बदली रूक सकती है।"

यह अंश गोपीनाथ महंति की प्रसिद्ध कहानी 'अपने लिए शोकगीत' से लिया गया है। यह कहानी एक आदिवासी युवक की संघर्षशीलता और उसकी जिंदगी की चुनौतियों का चित्रण करती है। यह अंश नायक की जिंदगी के एक महत्वपूर्ण मोड़ को दर्शाता है, जहाँ उसे नई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

व्याख्या - इस अंश में नायक चीफ़ के कमरे से निकलकर अपने काम पर लौटता है। यह संकेत करता है कि नायक किसी महत्वपूर्ण चर्चा या निर्देश के बाद वापस काम पर लौट रहा है। जैसे ही वह लौटता है, मिस्त्री उसे पास बिठाकर समझाने लगता है। मिस्त्री का कहना है कि "इस दुनिया में सबसे मेल-जोल रखकर चलना पड़ता है।" यह वाक्य नायक को यह समझाने का प्रयास करता है कि समाज में रहने के लिए समझौते और समायोजन करने की आवश्यकता होती है।

मिस्त्री द्वारा उपयोग की गई उपमा "नदी किनारे घास पानी के साथ थोड़ा झुक लेती है और फिर उठ खड़ी होती है, लेकिन बड़े-बड़े पेड़ धार के सामने अड़ते हैं और टूट जाते हैं।" यह उपमा नायक को यह शिक्षा देती है कि जीवन में लचीलापन और समझदारी अपनाना बहुत महत्वपूर्ण है। घास जो पानी के साथ झुक जाती है और फिर वापस खड़ी हो जाती है, वह उस व्यक्ति का प्रतीक है जो परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढाल लेता है। जबकि, बड़े-बड़े पेड़ जो धार के सामने अड़ते हैं और टूट जाते हैं, वे उन लोगों का प्रतीक हैं जो बदलते समय और परिस्थितियों के साथ नहीं बदलते।

इसके बाद, मिस्त्री नायक को यह बताता है कि साहब ने उसकी बदली कास्टिक टैंक पर कर दी है, जो कि एक बहुत सख्त काम है। यहाँ, "कास्टिक टैंक" नायक के जीवन में नई चुनौती और संघर्ष का प्रतीक है। यह दिखाता है कि नायक को अब अधिक कठिन और चुनौतीपूर्ण काम करना पड़ेगा। मिस्त्री नायक को यह समझाने का प्रयास करता है कि अगर वह साहब को खुश कर सका, तो उसकी बदली रुक सकती है। यह उस समाज की वास्तविकता को दर्शाता है जिसमें नायक रहता है, जहाँ अधिकारियों को खुश करना और उनके निर्देशों का पालन करना महत्वपूर्ण होता है।

इस अंश में गोपीनाथ महंति ने समाज की जटिलताओं और आदिवासी समाज के संघर्षों को बहुत ही संवेदनशीलता से प्रस्तुत किया है। यह दिखाता है कि नायक को अपनी नौकरी में सफल होने के लिए कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है और उसे किन-किन संघर्षों से गुजरना पड़ता है। मिस्त्री की सलाह नायक को यह सिखाती है कि उसे समाज में समझदारी और लचीलापन अपनाना चाहिए ताकि वह अपनी नौकरी और जीवन में सफल हो सके।

इस अंश में लेखक ने नायक के संघर्षों और समाज की जटिलताओं को उजागर किया है। यह दिखाता है कि कैसे नायक को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और उसे अपने काम में सफलता पाने के लिए समझदारी और लचीलापन अपनाना चाहिए। इस प्रकार, यह अंश नायक के जीवन के संघर्षों और समाज की जटिलताओं का एक महत्वपूर्ण दृश्य प्रस्तुत करता है।

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