'अदम्य जीवन' की विषयवस्तु के प्रति लेखकीय दृष्टिकोण का सोदाहरण विश्लेषण कीजिए।

महादेवी वर्मा द्वारा रचित 'अदम्य जीवन' एक ऐसा निबंध है जो मनुष्य की जिजीविषा, उसकी इच्छाशक्ति और उसके जीवन के प्रति अनवरत संघर्ष की भावना को उजागर करता है। इस निबंध में महादेवी वर्मा ने जीवन की उन परिस्थितियों का वर्णन किया है, जहाँ मनुष्य प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद जीवित रहने और संघर्ष करने का साहस दिखाता है। यह निबंध जीवन के प्रति लेखिका की सकारात्मक दृष्टिकोण और मनुष्य की अजेय इच्छाशक्ति का प्रतिनिधित्व करता है।


लेखिका का दृष्टिकोण:

महादेवी वर्मा का दृष्टिकोण 'अदम्य जीवन' के प्रति अत्यंत सकारात्मक और प्रेरणादायक है। वे मानती हैं कि जीवन स्वयं में एक अदम्य शक्ति है, जो चाहे कितनी भी कठिनाई क्यों न आए, उसे समाप्त नहीं किया जा सकता। उनके अनुसार, जीवन अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए निरंतर संघर्षरत रहता है। महादेवी वर्मा का विश्वास है कि मनुष्य में वह शक्ति और सामर्थ्य है जो उसे हर प्रकार की बाधा और संकट से जूझने की क्षमता प्रदान करता है।

जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण:

महादेवी वर्मा का मानना है कि जीवन एक अद्भुत शक्ति है, जो हर प्रकार के संकट और दुख के बावजूद निरंतर आगे बढ़ता रहता है। उन्होंने उदाहरण स्वरूप प्रकृति के विभिन्न अंगों जैसे पेड़-पौधों, पशु-पक्षियों और अन्य जीवों का उल्लेख किया है जो विपरीत परिस्थितियों में भी जीवित रहने का संघर्ष करते हैं। उन्होंने इस संघर्ष को "अदम्य जीवन" का नाम दिया है।

लेखिका कहती हैं कि जैसे कोई पौधा बिना जल, धूप और उचित वातावरण के भी कहीं न कहीं से जीवित रहने का प्रयास करता है, उसी प्रकार मनुष्य भी विपरीत परिस्थितियों में अपनी इच्छाशक्ति से आगे बढ़ता रहता है। वे जीवन को संघर्ष का पर्याय मानती हैं और कहती हैं कि यह संघर्ष ही जीवन को जीवंत और अर्थपूर्ण बनाता है।

प्रकृति से प्रेरणा:

महादेवी वर्मा ने 'अदम्य जीवन' में प्रकृति से अनेक प्रेरणाएँ ली हैं। उन्होंने विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से यह दिखाया है कि जीवन के संघर्ष में सबसे बड़ी प्रेरणा स्वयं प्रकृति से मिलती है। वे बताती हैं कि एक छोटा सा बीज कैसे अपने आस-पास की कठोर मिट्टी को फोड़कर, प्रकाश और जल की तलाश में बढ़ता है। यह एक प्रकार का जीवन संघर्ष है जो अदम्य इच्छाशक्ति को दर्शाता है। इसी प्रकार, एक चिड़िया का अपने घोंसले की रक्षा के लिए बड़े से बड़े शिकारी पक्षी से लड़ना, जीवन के प्रति उसकी अदम्य इच्छाशक्ति को दिखाता है।

मानव जीवन का संघर्ष:

मानव जीवन में संघर्ष का महत्त्व अत्यधिक है, और महादेवी वर्मा ने इसे 'अदम्य जीवन' में गहराई से प्रस्तुत किया है। वे कहती हैं कि मनुष्य के जीवन में दुःख, कष्ट, पीड़ा और संघर्ष तो आते हैं, लेकिन इनसे भागने की बजाय उनसे जूझना ही सच्चे अर्थों में जीवन है। लेखिका ने विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से यह सिद्ध किया है कि जो व्यक्ति जीवन के संघर्ष से डरता नहीं, वही वास्तव में जीवन को समझ पाता है।

महादेवी वर्मा का कहना है कि जीवन केवल सुख-दुःख का संगम नहीं, बल्कि वह एक अनवरत यात्रा है जिसमें उतार-चढ़ाव, सफलताएँ और असफलताएँ आती हैं। उन्होंने जीवन को एक अनन्त यात्रा कहा है, जिसमें व्यक्ति का लक्ष्य संघर्ष के द्वारा जीवन की सार्थकता को पहचानना होता है।

प्रेरणादायक दृष्टांत:

महादेवी वर्मा ने अपने इस निबंध में अनेक प्रेरणादायक दृष्टांत प्रस्तुत किए हैं। उन्होंने एक निर्धन किसान की कथा का उल्लेख किया है जो अपने सीमित संसाधनों के बावजूद कठिन परिश्रम करता है और जीवन की समस्याओं से निरंतर जूझता रहता है। इस किसान का जीवन एक प्रेरणा है कि कठिनाइयाँ चाहे कितनी भी हों, जीवन की अदम्य इच्छा शक्ति के सामने वे नतमस्तक हो जाती हैं।

इसी प्रकार, उन्होंने एक छोटे से पक्षी का भी उदाहरण दिया है जो अपने अंडों की रक्षा के लिए बड़े से बड़े पक्षियों से टकरा जाता है। यह उदाहरण यह दिखाता है कि चाहे स्थिति कितनी भी विपरीत क्यों न हो, जीवन को बचाने के लिए संघर्ष करना ही मनुष्य का कर्तव्य है।

मानवता और समाज के प्रति दृष्टिकोण:

महादेवी वर्मा का दृष्टिकोण केवल व्यक्ति के स्तर पर नहीं बल्कि सामाजिक और सामूहिक स्तर पर भी उतना ही प्रासंगिक है। वे मानती हैं कि जीवन की अदम्य शक्ति को केवल व्यक्तिगत स्तर पर ही नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र के स्तर पर भी महसूस किया जा सकता है। उनका विचार है कि यदि समाज के प्रत्येक व्यक्ति में यह भावना जाग्रत हो जाए कि जीवन एक संघर्ष है, और उस संघर्ष में हमें हार नहीं माननी है, तो समाज और राष्ट्र के विकास की गति को कोई भी रोक नहीं सकता।

वे यह भी कहती हैं कि समाज में व्याप्त विषमताएँ और असमानताएँ जीवन के संघर्ष को और अधिक चुनौतीपूर्ण बनाती हैं, लेकिन इनसे भागने की बजाय यदि हम उन्हें एक अवसर के रूप में लें तो हम अपने जीवन को अधिक सार्थक बना सकते हैं। महादेवी वर्मा का दृष्टिकोण स्पष्ट है कि जीवन में संघर्ष से पीछे हटना नहीं चाहिए बल्कि उसे गले लगाकर आगे बढ़ना चाहिए।

उपसंहार:
महादेवी वर्मा का 'अदम्य जीवन' एक प्रेरणादायक निबंध है जो जीवन की असली महत्ता को उजागर करता है। लेखिका का दृष्टिकोण जीवन के प्रति सकारात्मक, उत्साहवर्धक और प्रेरणादायक है। उन्होंने जीवन को एक अनवरत संघर्ष के रूप में प्रस्तुत किया है, जहाँ हर व्यक्ति को अपनी इच्छाशक्ति और साहस के साथ आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए।

उनका मानना है कि जीवन में आने वाले संघर्ष और कठिनाइयाँ हमें तोड़ने के लिए नहीं, बल्कि हमें मजबूत बनाने के लिए आती हैं। इस प्रकार, 'अदम्य जीवन' हमें सिखाता है कि चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ क्यों न आएं, हमें अपने जीवन के प्रति कभी हार नहीं माननी चाहिए और हमेशा संघर्ष करते रहना चाहिए। महादेवी वर्मा का यह निबंध जीवन के प्रति उनके अदम्य और अडिग विश्वास को प्रकट करता है और पाठकों को अपने जीवन की कठिनाइयों का सामना करने के लिए प्रेरित करता है।

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